कोटद्वार- गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में सुबह दो बजे से ही यात्रियो की आवाजाही शुरू हो जाती या यूं कहें कि दो बजे से ही यात्री लुटना शुरू हो जाते है। दिल्ली/चंडीगढ़/हरिद्वार-देहरादून से कोटद्वार और गढ़वाल के लिए आने वाले यात्रियों के साथ फल सब्जी विक्रेताओं द्वारा बदसलूकी कभी भी देखने को मिल जाती है ये कहानी आज की नहीं बल्कि काफी समय से चल रही है आलम ये है कि सीधे साधे पहाड़ी यात्रियो को आपराधिक छवि के फल सब्जी विक्रेताओ द्वारा पहले तो फल सब्जी के रेट पूछने पर बताये नहीं जाते और बड़े ही प्यार से बोला जाता है कि जो रेट सबके लिए है वही आपके लिए है, बार बार पूछने पर भी रेट न बताने के बाद जब यात्री/ग्राहक के पैसे देने का समय आता है तो फल सब्जी के रेट कई गुना बताये जाते है और फिर यदि कोई यात्री सामान लेने से मना करता है तो उसके साथ मार पिटाई तक शुरू कर दी जाती है इतना ही नहीं ये फल सब्जी विक्रेता अपने साथी विक्रेताओं के साथ पूरे गैंग की तरह खड़े होते है और एक साथ यात्रियो पर चिपक जाते है और डरा धमका कर अपने हिसाब से पूरा पैसा वसूल कर ही लेते है।
हैरत की बात तो ये है कि ये सारी घटना बाजार पुलिस चौकी के आस पास ही होती है और ये सब जानकर भी कोई पुलिसकर्मी इन फल सब्जी विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही करने को तैयार नहीं, ऐसे में दूर दराज से आने वाले यात्री प्रति दिन यहाँ लूटे जाते है और शराब बंदी के बाद से यही फल सब्जी विक्रेता दिन रात यहाँ शराब बेचते भी नजर आ जाते है इससे पुलिस के साथ इनकी मिली भगत साफ़ नज़र आती है। आज सुबह ही हुई एक घटना के बाद दिल्ली से आये यात्री ने ने बताया कि दिल्ली से आते समय मीरापुर में लोगों को लुटते कई बार देखा पर अब तो अपना ही कोटद्वार मीरापुर बन गया है जहाँ पहाड़ी यात्रियों को लूटा जा रहा है। यात्रियो के साथ लूट का मामला यही नहीं थमता गोखले मार्ग, थोक सब्जी मंडी नजीबाबाद रोड व बस अड्डे के पीछे बने शुलभ शौचालयों में यात्रियो से शौचालय का शुल्क नगर पालिका से तय शुल्क से ज्यादा लिया जाता है इससे सबसे ज्यादा समस्या महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को होती है।
नगर पालिका और पुलिस से पहले भी की गयी शिकायत
यात्रियो के साथ हो रही अभद्रता के संबंध में पुलिस और नगर पालिका दोनों को ही पूर्व में भी कई बार लिखित शिकायत की गयी लेकिन कभी कोई कार्यवाही नहीं हुई। सभी फल सब्जी विक्रेता बाहरी छेत्र के है फिर भी इनका सत्यापन नहीं किया गया। वही नगर पालिका अध्यक्ष रश्मि राणा से जब कुछ समय पूर्व इस संबंध में बात की गयी तो उन्होंने साफ़ शब्दो में ये कह दिया की इस संबंध में फल सब्जी विक्रेता समिति से जाके बात करे। अगर ये काम जनता को ही करना है तो फिर वो पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर क्यों बैठी है यदि राजनैतिक रूप से बात की जाए तो कोंग्रेस साशन काल में भाजपा नेताओ द्वारा बाहरी व्यक्तियो द्वारा पहाड़ी यात्रियो के साथ किये जा रहे अभद्र व्यवहार को हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाया गया था क्योकि ये सभी विक्रेता बाहरी है और एक विशेष संप्रदाय से है लेकिन वर्तमान में प्रसाशन के साथ ही भाजपा और कोई हिंदूवादी संगठन भी इस तरह की जन समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहा।

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