प्रवीण नौटियाल- कोटद्वार व आस-पास के छेत्रो में सरकारी शराब की दुकानों में ओवर रेट शराब बिकना तो एक प्रथा बन चुकी है, जिसे कायम रखने में कई सम्बंधित अधिकारी अपना पूरा-पूरा योगदान दे रहे है। स्तिथी ये है कि कोटद्वार स्टेशन रोड स्तिथ सरकारी शराब की दुकान में ज्यादातर ऐसे सेल्समैन कार्यरत है जिनका जिलाधिकारी कार्यालय में रजिस्ट्रेशन ही नही है जबकि आबकारी विभाग द्वारा किसी भी सेल्समैन का रजिस्ट्रेशन किये बिना उसका दुकान पर कार्य करना नियम के विरुद्ध है जिस पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लायी जाती है। लेकिन स्टेशन रोड स्तिथ दुकान मैं कई राजनैतिक पार्टियों के व्यक्ति कार्यरत है जिससे नेताओ का हाथ भी इनके सर पर बना रहे साथ ही कुछ सेल्समैन ऐसे भी है जो आपराधिक मामलों में जेल भी जा चुके है। इनको रखने का कारण है कि यदि कोई भी ग्राहक ओवर रेट शराब बिकने और बिल न दिए जाने का विरोध करे तो उसके साथ अभद्रता करके उसे दुकान से बाहर भगा दिया जाता है और यदि फिर भी न माने तो ये दबंग सेल्समैन अपनी गुंडागर्दी दिखाकर ग्राहक पर हाथ उठाने में भी देर नही करते। और आबकारी अधिकारी, उपजिलाधिकारी व पुलिस प्रसाशन ये सब जानकर भी खामोश रहते है। इस खामोशी का कारण क्या है? राजनैतिक दबाव या ऊपरी कमायी या फिर कुछ और? फिलहाल जो भी हो रोज ग्राहकों को लाखो रुपये का चूना लगाकर सरकारी शराब की दुकान पर हो रही इस लूट पर कार्यवाही न हो पाने से सभी संबंधित अधिकारी जनता की नजरों मे भृष्ट बन चुके है जिसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार है। अब देखना ये है कि इतने बड़े आरोपों के बाद भी ये अधिकारी सरकारी शराब की दुकान पर होने वाली गुंडागर्दी में सुधार लाएंगे या अब भी इस परंपरा को पहले की तरह ही चलाएंगे।