कोटद्वार में मुह छुपाकर घर से बाहर निकलने को मजबूर भाजपा कार्यकर्ता, जनता ने मांगा वोट के बदले विकास कार्यो का हिसाब

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स्वाति नेगी(कोटद्वार)

नए भाजपा कार्यकर्ताओ के आगे वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी

कल तक कांग्रेस साशनकाल में अपनी सरकार आने पर शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार व अन्य विकास कार्यों के दावे आम जनता से कर चुके भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी अपनी विधानसभा कोटद्वार से लेकर प्रदेश सरकार तक हो रही है।

आलम ये है कि कई वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओ के घरों के आगे अपने अपने काम को लेकर फरियादियो की लंबी लाइन सुबह से ही लगने लगती है और दिन भर फ़ोन की घण्टी भी बजती रहती है लेकिन काम किसी का नही हो पाता जनता उम्मीद लेकर आती है फिर दुखी और आक्रोशित होकर चली भी जाती है। लेकिन न तो कोटद्वार विधानसभा में इस पर कोई सुनवाई हो रही है न ही प्रदेश स्तर पर। जिस कारण विकास कार्य न हो पाने के कारण कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओ को आम जनता से मुह तक छुपाना पड़ रहा है क्योंकि जनता अपने वोट के बदले सरकार आने पर कराये जाने वाले विकास कार्यो के वादों का जवाब मांग रही है।

कोटद्वार में पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक, भगत सिंह कोश्यारी, हरक सिंह रावत व सतपाल महाराज सभी के कार्यकर्ता अच्छी खासी संख्या में मौजूद है इसके बावजूद भी चंद ठेकेदारों व नए नए भाजपाइयों के अलावा किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता पर ध्यान नही दिया जा रहा है फिर चाहे वो अपना निजी काम मंत्री जी के पास लेकर जाए या जनहित के कोई काम। ये वही कार्यकर्ता है जिन्होंने भाजपा को कोटद्वार में जिताने के लिए दिन रात एक किया है और कई वर्षों से मेहनत, लगन और ईमानदारी से कार्य कर रहे है। हालांकि इसके पीछे दो तरह की बाते सुनने में आ रही है।

एक तरफ वन मंत्री हरक सिंह रावत के समर्थक कहते है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किये जा रहे कार्यो की आलोचना हरक सिंह जी उनके सामने ही कर देते है जैसे कि कुछ ही दिन पूर्व हरक सिंह रावत ने कहा था कि उत्तराखण्ड अब भी खुले में शौच से मुक्त नही हो पाया है जबकि उनके बयान से कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने घोषणा की थी कि उत्तराखण्ड खुले में शौच से मुक्त हो चुका है अब ऐसे में जब हरक सिंह रावत की ही विधानसभा में एक केस ऐसा आया जहा खुले में शौच के कारण एक नवविवाहिता अपने मायके वापस चली गयी और ये खबर पूरे प्रदेश में फैल चुकी थी तो वो कैसे मान लेते की उत्तराखण्ड खुले में शौच से मुक्त हो गया है साथ ही समर्थक ये भी कहते है कि हॉस्पिटल में डॉक्टरों की तैनाती हो या कुछ और इसके लिए प्रदेश सरकार कोटद्वार में जानबूझकर लापरवाही कर रही है लेकिन ये बाते खुलकर नही बोली जा रही।

दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओ का आरोप है कि हरक सिंह जी भाजपा कार्यकर्ताओं को छोड़कर नगर से लेकर जिले तक केवल उन कार्यकर्ताओ पर ही ध्यान दे रहे है जिन्हें वो स्वयं चुनाव के समय बिना किसी वरिष्ठ कार्यकर्ताओ की सहमति है लाये और उनके कार्यो को कराने के लिए उचित समय दे रहे है। कार्यकर्ताओ का ये भी कहना है कि मंत्री जी कोटद्वार कब आते है और कब जाते है ये बात हमे अगले दिन अखबार में पढ़के पता चलती है। हरक सिंह रावत व वरिष्ठ भाजपा कार्यक्रताओं के आरोपो में कितनी सच्चाई है ये तो जांच का विषय है लेकिन आम जनता को इन बातों से कोई मतलब नही है उन्होंने अपनी विधानसभा के सारे उम्मीदवारों को छोड़कर चुनाव से कुल 15 दिन पहले कोटद्वार आये हरक सिंह रावत पर भरोसा किया है अब ये भरोसा हरक सिंह रावत की अपनी ईमानदार व स्वच्छ छवि को लेकर किया गया या फिर भाजपा और मोदी लहर को लेकर किया गया ये तो कोटद्वार विधानसभा के मतदाताओं की अपनी सोच थी। बहरहाल कोटद्वार की जनता ने एक बार फिर ये बोलना शुरू कर दिया है कि “अपने तो अपने ही होते है” और ये शब्द बोलने पर जनता क्यो मजबूर है और किसके लिए बोले जा रहे है ये कोटद्वार विधानसभा के विधायक अर्थात प्रदेश के वन मंत्री तथा सूबे के मुख्यमंत्री भी जानते है।

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