राजेश सेमवाल ’मृदुल’
केदारनाथ। प्रत्येक आस्थावान विश्ववासियों के हदय में हिमालय के प्रति अगाद्य श्रद्वा का भाव रहा है इसी कारण विश्ववासियों ने हिमालय को अपने अतीत वर्तमान व भविष्य से जोड़ा है। अब श्री बदरीनाथ व केदारनाथ की यात्रा चरम पर है पर इन दिव्य धामों को संचालित करने वाली श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति पूरी तरह से सवालों के घेरे में है। हालत यह है आपदा के बाद भी यहां के अधिकारी और कर्मचारी नही चेते है। अहम बात यह कि जिस धर्म के दिव्य स्थल में भक्त जन अपनी मनोकामना पूर्ण करने को जाते है वहां जमकर भष्ट्राचार के घंटे बज रहे है। जो देश प्रदेश के लिए शुभ नही है। आपदा के बाद जिस शिवतीर्थ केदारनाथ की दिव्यता को देश दुनिया तक पहुंचाने में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरे मनोयोग से कार्य कर रहे है वहां पर जमकर भष्ट्राचार करने में श्री बदरीनाथ केदानाथ मंदिर समिति का नाम आ रहा है। लगता है समिति के अधिकारियों को न तो भगवान का डर है और ना ही प्रधानमंत्री का। शिवतीर्थी केदारनाथ के दर्शन के लिए देश दुनिया के लोग यहां उमड़ते हैं। लेकिन आश्चर्यजनक घटनाक्रम यह कि आपदा के 9 साल बीतने के बाद भी भगवान केदारनाथ की भोग मंडी को वो स्वरूप नही मिल पाया जिस दिव्यता की वो हकदार है। हालात इतने खराब है कि आपदा से पहले श्री बद्री-केदारनाथ मंदिर समिति की 65 नाली जमीन अपनी थी सीईओं व ईओ की नाकामी के कारण यानि पैरवी न करने कारण अब मंदिर समिति के पास एक भी विश्रामगृह नहीं है। लाखों करोडों रूपया आपदा के नाम पर खर्च किया गया। इन पैसों को ठिकाना लगाने में मंदिर समिति के अधिकारी भी पीछे नहीं रहे। अलस्का लाईट, स्नौ सूज, स्नो कटर तथा यात्रियों को निशुल्क भोजन कराने में मंदिर समिति ने करोडों के वारे न्यारे किये। आपदा के बाद भी ये नहीं चेते और बाबा के नाम पर लाखों करोडों की लूट करते रहे। जो अभी भी अनवरत जारी है। अगर इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच करे तो इन अधिकारियों पर आपदा की जबरदस्त सरकारी मार पड़ सकती है। प्रधानमंत्री की केदारनाथ पर आस्था अटूट है और वे केदारपुरी में स्थित गुफा में भजन कर भगवान केदारनाथ से देश व विश्व की कल्याण की कामना करते रहते है।
क्या चल रहा बीकेटीसी में खेल।
सीईओं बीडी सिंह पर चल रही है जांच
केदारनाथ। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह इन दिनों फिर चर्चाओं में आ गये है। इन पर नियमों की धज्जियां उड़ा कर दो साल के भीतर ही शासन की आंख में धूल झोंक एई को ईई बनाने का बड़ा आरोप लगा है। ये आईएफएस अधिकारी है और हाल वक्त जांच इनके आसपास ही धूम रही है। जिसमंे वित्तीय अनियमितताओं के बडे़ मामले बताये जा रहे है। मामले की शिकायत सनातन धर्म निष्ठ तीर्थ रक्षा मंच ने की तो सचिव द्वारा आयुक्त गढ़वाल को जांच सौंपी गई है। ये अधिकारी फिलहाल 10 सालों से बीकेटीसी में जमे है। जिन पर कई वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया गया है जांच अभी प्रक्रियाधीन है और जांच का दायरा दिनप्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि जून प्रथम सप्ताह में इनकी जांच के साथ विदाई होती या ये मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचता है। जबकि गढ़वाल आयुक्त ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग व जिलाधिकारी चमोली से जांच रिर्पोट तलब की है। ज्ञात हो कि बीकेटीसी के अहम कार्यालय इन दोनो जिलो में