हरिद्वार पुलिस ने मोरा तारा ज्वैलर्स रंगदारी प्रकरण में मास्टरमाइंड सहित पांच आरोपी किए गिरफ्तार।
सर्राफा व्यापारी की हत्या का प्रयास कर कुख्यात राठी के नाम से मांगी गई थी लाखों की रंगदारी। पूर्व बैंक कर्मी निकला घटना का मास्टरमाइंड, डकैती के मामले में पहले भी जा चुका है जेल।
प्रेसवार्ता के दौरान DIG/SSP हरिद्वार द्वारा मामले का खुलासा करते हुए की गई ₹25000 ईनाम की घोषणा
ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा समस्त पुलिस टीम को ₹51000 का ईनाम।प्रेसवार्ता के बताया की अगर आप हरिद्वार से जुड़े हैं तो पिछले साल 2021 को “मोरा तारा ज्वैलर्स” में दिन दहाड़े की गई डकैती की घटना आपके जहन में ताजा होगी। तब भी हरिद्वार पुलिस ने आप सभी के विश्वास पर खरा उतरते हुए कुछ ही दिनों के भीतर डकैती का खुलासा कर आप सभी लोगों का भरपूर प्यार बटोरा था। एक बार फिर अपराधियों द्वारा “मोरा तारा ज्वैलर्स” को टारगेट किया गया और एक बार फिर विश्वास की कसौटी पर हरिद्वार पुलिस को अग्नि परीक्षा का सामना करना पड़ा।
ये था पूरा मामला
26 जून की रात्रि को मयूर विहार आर्यनगर निवासी निपुण मित्तल पर स्कूटी सवार 02 युवकों द्वारा फायर किया गया जो लैपटॉप पर जा लगा और उसके अगले दिन ही कुख्यात राठी गैंग के नाम से कॉल कर लाखों की फिरौती की फर्माइश की गई।
तेजतर्रार ऑफिसर्स को मिली खुलासे की जिम्मेदारी
श्रीमान DIG/SSP हरिद्वार डॉ0 योगेंद्र सिंह रावत द्वारा घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए SP सिटी, ASP ज्वालापुर व CO ऑपरेशन के पर्यवेक्षण में SHO ज्वालापुर R.K. सकलानी व CIU प्रभारी नरेंद्र बिष्ट के नेतृत्व की जिम्मेदारी देते हुए पुलिस टीमों का गठन किया गया। टीम द्वारा प्रकाश में आई स्कूटी व कार के बारे में जानकारी की गई तो कड़ी से कड़ी जुड़ती चली गई।खुलासा/गिरफ्तारी
अब बारी थी तो अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जो खुद को बचाने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहे थे पर पुलिस टीम की दिन रात की मेहनत आखिर रंग लाई घटना में सम्मिलित अभियुक्त पकड़े गए जिनकी जानकारी निम्न प्रकार है।
1- प्रदीप चौहान निवासी नहटोर, बिजनौर (मुख्य आरोपी)
2- सचिन प्रजापति निवासी उपरोक्त
3- कौशल कुमार निवासी उपरोक्त
4- अरुण कुमार निवासी उपरोक्त
5- अंकुर कुमार निवासी सिवाला कला बिजनौर
घटना में प्रयुक्त स्कूटी, कार, 03 तमंचा 315 बोर, 09 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की गईरंगदारी प्लॉन की ये थी वजह
घटना का मास्टरमाइंड ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में कर्लक के रूप में काम कर चुका है और वर्ष 2015 में देहरादून से अपने सगे भाई व एक अन्य अभियुक्त के साथ डकैती के मामले में जेल जा चुका है। पूर्व में की गई डकैती में जेल जाने से बचने के लिए अभियुक्त वादी से समझौता करना चाहता था जिसके लिये 50-60 लाख रूपये की जरूरत थी। अपनी इसी जरूरत को पूरा करने के लिए मास्टरमाइंड ने अपने साथियों के साथ मिलकर रंगदारी की साजिश रची। और हरिद्वार पुलिस ने इसका खुलासा किया।