अवनीश अग्निहोत्री (हरिद्वार) हरिद्वार नगर में अवैध रूप से होटलों का निर्माण धडल्ले से चल रहा है। स्तिथि ये है की ज्यादातर होटलों का न तो नक्शा ही पास है न ही पर्यटन विभाग में पंजीकरण है और फायर एनओसी तक नहीं है। जो की यात्रियों की सुरक्षा में एक बड़ी चूक है। कुछ दिन पूर्व पौड़ी जनपद के एक रिसोर्ट से जुड़े अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद पूरे प्रदेश भर में होटल, रेस्टोरेंट और रिसोर्ट में चेकिंग अभियान चलाया गया और मानकों को पूरे किए बिना चल रहे होटलों पर सख्त कार्यवाही की गई। लेकिन इतने बड़े कांड के बाद भी हरिद्वार नगर प्रशासन अब तक नींद में ही है। हरिद्वार के शिवमूर्ति चौक के निकट श्रवण नाथ में ज्यादातर होटलों में पार्किंग न होने के कारण सारे वाहन गलियों में खड़े किए जाते है जिस कारण सभी गलियां बंद रहती है और जाम की स्तिथि बनी रहती है। इस मामले में हरिद्वार के जिला पर्यटन अधिकारी से जानकारी लो तो वो गोलमोल जवाब देते नजर आते है। इसके साथ ही अब एक और होटल का मामला प्रकाश में आया है जहा मनसा देवी पैदल मार्ग पर बर्फ फेक्ट्री के सामने बने “होटल बबुआ स्टे” में होटल शुरू होने से अब तक बिजली और पानी का बिल तक नहीं आया और होटल का निर्माण अत्यधिक पुराने भवन में हुआ है जिस कारण लगातार खतरा बना हुआ है। इस होटल के निर्माण के लिए एक सार्वजनिक नाली को बंद कर दिया गया जिससे सारी गंदगी सड़क पर आ जाती है और मनसा देवी जाने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हैरानी की बात है की संबंधित विभाग कभी होटलों में चेकिंग नही करते जो एक बड़ी लापरवाही है। अधिकारी इस बात को भली भांति जानते है की हरिद्वार नगर में कितने होटल पर्यटन विभाग में पंजीकृत है, कितनो के पास फायर एनओसी है और कितनो में पार्किंग है। लेकिन आखिर ऐसा क्या कारण होगा की अधिकारी कुर्सी से उठकर काम करने को तैयार नहीं, ये एक बड़ा सवाल है जो धर्मनगरी हरिद्वार की छवि देश भर के पर्यटकों के सामने खराब कर रहा है।