संस्कृति और उत्तराखण्ड
कोटद्वार-अक्सर देखा गया है कि ज्यादातर लड़कियां समय के साथ टीवी पर दिखाई जाने वाली फिल्मों और सीरियलों को देखकर उनमे आने वाले किरदार के कपड़े पहनने का ढंग, आवाज, हेयर स्टाइल देखकर खुद के लिए वैसा ही दोस्त चाहने लगती है। वही आजकल दबंग और सिंघम जैसी फिल्मों के चलते अब कुछ लड़किया अपने दोस्त के रूप में एक पुलिस वाले को भी पाना चाहती है। एक लड़का लड़की की दोस्ती को लेकर हमारे समाज में अलग अलग तरह के लोग अलग अलग सोच रखते है। कही इसे एक दूसरे की मदद और सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाता है तो कही इसे अश्लीलता भरी नजरों से भी देखा जाता है।
दूसरों से ज्यादा पुलिस की दोस्ती सुरक्षित मानती है लड़कियां
मित्र पुलिस के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखण्ड पुलिस के थाना कोटद्वार में तैनात कई पुलिस कर्मियों को देखकर भी आजकल कोटद्वार की कुछ लड़कियों की यही सोच है कि दबंग के सलमान और सिंघम के अजय देवगन की ही तरह उन्हें भी कोई अच्छा और सच्चा पुलिस वाला दोस्त के रूप में मिले। इसका एक बहोत बड़ा कारण ये भी है कि पुलिस आज के ज़माने में जनता से ज्यादा संपर्क में रहती है, युवा पीढ़ी से खुलकर बात करती है, उनकी समस्या को सुलझाने का अपने स्तर से प्रयास भी करती है और बढ़ते अपराधों को देखते हुए वो खुद को उनके साथ सुरक्षित भी महसूस करतीं है। हालांकि पुलिस वालों से दोस्ती की पहल ज्यादातर बार लड़कियों की तरफ से ही की जाती है लेकिन इस तरह की दोस्ती को गलत कहना और समझना भी गलत होगा। क्योकि एक लड़का लड़की की दोस्ती हर बार गलत इरादों से ही नहीं की जाती है। इससे पहले सलमान खान की फिल्म ‘तेरे नाम’ और उसके जैसी कई और फिल्म देखने के बाद शहर के कई आवारा लड़को ने उसी हेयर स्टाइल को रखकर सड़क चलते आशिकी शुरू की थी जिन पर लगाम भी दबंग और सिंघम जैसे पुलिस वालों ने ही लगाई थी। जिसके बाद आजकल पुलिस के किरदार को फिल्मों में देखकर लड़कियों को लगता है वो एक पढ़े लिखे समझदार और एक ऐसे लड़के से दोस्ती कर रही है जो खुद भी गलत काम करने से डरता हो। जिसके चलते अब वो उससे तो सुरक्षित रहे ही और वो दोस्त खुद भी हमारी सुरक्षा का ध्यान रक्खे। यही कारण है कि अब कोटद्वार की कुछ लड़कियां खुद के लिए दबंग और सिंघम तलासती है तो कुछ को मिल भी गए है।