कोटद्वार– हालही में एसएसपी स्वेता चौबे द्वारा जनपद पौड़ी की कमान संभालते ही 24 घंटे के अंदर अपराध, नशा, ट्रैफिक और अतिक्रमण जैसे अपराधो में ताबड़तोड़ कार्यवाही शुरू हो गई है। जनपद के पहाड़ी और मैदानी सभी थानों में रोज कई बड़े खुलासे हो रहे है, यही नहीं कई वर्षो से फरार चल रहे अपराधी भी अब सलाखों के पीछे पहुंच चुके है। वही दूसरी तरफ कोटद्वार में तैनात कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी है जिन्हे यही लगता है जनपद की पुलिस कप्तान 106 किलोमीटर दूर बैठी है इसलिए अपनी मनमर्जी से काम करो। जनता के बीच इनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है। स्तिथि ये है की ये खुद गलती करके दूसरों को ज्ञान देने से और धमकी देने से नही कतराते। ऐसी ही एक घटना दो दिन पूर्व कोटद्वार कोतवाली के सामने हुई जहा संजय रावत नाम का एक दरोगा रात्रि में बिना इंडिकेटर दिए थाने की तरफ गाड़ी मोड़ने लगा, आधा मोड़ काटने के बाद इंडिकेटर देने के कारण सामने से आ रहे एक बाइक चालक को अचानक ब्रेक लगाने पड़े, जिसमे वह चोटिल भी हो सकता था। बाइक सवार युवक ने कहा की भईया इंडिकेटर थोड़ा पहले से दिया करो जो सामने वाले पता तो चल जाए और वह अपने वाहन को नियंत्रित कर ले।
इस पर दरोगा संजय रावत बोले की मैं इस कोतवाली में दरोगा हु, पहले तुम ये बताओ तुम्हारी हेलमेट कहा है…इतने में बाइक चालक बोला भईया आपने भी तो सीटबेल्ट नहीं लगाई है। इस बात पर आग बबूला हुए दरोगा बोले की मुझे नियम मत सिखाना वरना अभी गाड़ी सीज कर दूंगा। अब जनाब से ये पूछा जाए कि कार मोड़ते समय उन्होंने समय से इंडिकेटर नही दिया और सीटबेल्ट नहीं लगाई है तो सामने वाले ने अगर ये बात बोल भी दी तो कौन सा अपराध कर दिया और एक पुलिसकर्मी ही मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार वाहन नहीं चलाएगा तो आम जनता के बीच पुलिस की क्या छवि बनेगी।
इसकी सूचना कोटद्वार में बैठे सभी सीनियर पुलिस अधिकारियों को तुरंत दी गई लेकिन सभी ने शायद ये सोचा की अपना स्टाफ हमेशा सही होता है आम जनता का क्या है वो तो सिर्फ पुलिस से शोषित होने के लिए बनी है।