कोटद्वार। दुगड्डा ब्लॉक के कुछ ग्राम प्रधानों द्वारा बीडीओ दुगड्डा के स्थानांतरण कराने की मांग अब उनके लिए ही सिरदर्द बनती जा रही है। दरअसल दुगड्डा ब्लॉक की बीडीओ सुमन राणा द्वारा पिछले कुछ समय से ग्राम सभाओं में जाकर निरीक्षण किया गया जहाँ पता चला कि प्रधानों और ब्लॉक के ही कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं के निर्माण की झूठी रिपोर्ट बनाकर करोड़ो रूपये के घोटाले कर दिए गए। जब बीडीओ द्वारा अपनी ड्यूटी करते हुए निरीक्षण कर कार्यवाही की जाने लगी तो प्रधानों द्वारा उन पर कई तरह के झूठे आरोप लगाते हुए उनके स्थानांतरण की मांग की जाने लगी। लेकिन एक ईमानदार अधिकारी का मनोबल न टूटे और भृस्टाचार में लिप्त ग्राम प्रधानों की जांच हो इसके लिए शुक्रवार को विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने विधानसभा कोटद्वार में विगत तीन वर्षो में मनरेगा योजना के तहत कराये गये निर्माण कार्यो की सीबीआई जांच व खंड विकास अधिकारी(बीडीओ) दुगड्डा के स्थानान्तरण न करने की मांग प्रदेश के राज्यपाल के समक्ष उठाई है।
अधिवक्ता जितेंद्र चौहान ने उपजिलाधिकारी राकेश तिवारी के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को प्रेषित ज्ञापन में बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-2015 से 2016-2017 में कोटद्वार विधानसभा में कार्यदायी संस्था ब्लॉक दुगड्डा से मनरेगा योजना के अंतर्गत कराये गये निर्माण कार्यो की सीबीआई जांच की जानी आवश्यक है। विगत तीन वर्षो में स्थानीय गरीब जनता को मनरेगा के अंतर्गत मिलने वाली सभी सुविधाओं की यहां के रसूखदार लोगों द्वारा अवैध रूप से बंदरबांट की गयी। उन्होंने कहा कि चंद नेताओं ने अपने चहेतों और स्थानीय अयोग्य व्यक्तियों को ग्राम स्तर से मनरेगा की सहायता राशि बांटी गई है। योग्य और गरीब व्यक्तियों तक यह राशि योजनानुसार नहीं पहुंच पाई है। वर्तमान में विकासखंड दुगड्डा सबसे भ्रष्ट विकासखंड बना हुआ है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2014-2015 से 2016-2017 में कोटद्वार विधानसभा में कार्यदायी संस्था ब्लॉक दुगड्डा से मनरेगा योजना के अंतर्गत कराये गये निर्माण कार्यो की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। जिससे गरीब और असहाय लोगों को मनरेगा योजना का लाभ मिल सकें।