गजब। टिहरी में बाबू करता रहा एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर, अब हुआ सस्पेंड

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टिहरी। सरकारी महकमे में छोटे कर्मचारियों के अंदर से बड़े अधिकारियों का डर मानो खत्म ही होता जा रहा है इसका जीता जागता उदाहरण टिहरी में भी देखने को मिला जहा एडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर स्टाम्प विक्रेता को लाइसेंस जारी करने के मामले में डीएम सोनिका ने राजस्व विभाग में कार्यरत लिपिक को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच के लिए एसडीएम घनसाली को जांच अधिकारी नियुक्त कर एक पखवाड़े में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
सरकारी धन का गबन करने और एडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर स्टाम्प लाइसेंस जारी करने के मामले में डीएम ने बालगंगा तहसील में कार्यरत सहायक लिपिक अजयपाल नेगी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आरोपी कर्मचारी वर्ष 2012 में जिला कार्यालय टिहरी में स्टाम्प सहायक के पद पर तैनात था।
इसी दौरान उसने एडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर कई लोगों को स्टाम्प लाइसेंस जारी किए थे। साथ ही लाइसेंस शुल्क को सरकारी खाते में भी जमा नहीं किया। कुछ दिन पूर्व एडीएम डॉ. एसके बरनवाल ने स्टाम्प लाइसेंस संबंधी दस्तावेजों की जांच की, जिसमें उन्हें फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस आवंटन किए जाने की जानकारी मिली।
उन्होंने मामले की शिकायत डीएम से की। इस पर डीएम ने मामले से संबंधित पत्रावलियां तलब कर जांच की। जांच में डीएम ने पाया गया कि कर्मचारी अजयपाल ने एडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर कई लोगों को स्टाम्प लाइसेंस वितरित करने के साथ ही लाइसेंस नवीनीकरण भी किए। डीएम ने मामले की जांच के लिए एसडीएम घनसाली चतर सिंह चौहान को जांच अधिकारी नामित कर मामले जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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