उत्तराखण्ड के 9 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर

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नई दिल्ली, एजेन्सी। सुप्रीम कोर्ट ने हरीश रावत सरकार के दौरान बगावत करने वाले कांग्रेसी विधायकों को अयोग्य ठहराने के नैनीताल हाईकोर्ट के फ़ैसले को सही ठहराया है.
उत्तराखंड में 19 मार्च, 2016 को वित्त विधेयक पेश करने के दौरान कांग्रेस के 9 विधायक बागी होकर बीजेपी के साथ खड़े हो गए थे. इसके बाद तत्कालीन स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने इन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था.
अदालत ने स्पीकर के फ़ैसले को सही ठहराया और हरीश रावत की सरकार बच गई जो इस साल मार्च में चुनाव होने तक चली.
उधर हाईकोर्ट के फ़ैसले के विरोध में कांग्रेस के बागी विधायक (जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए) सुप्रीम कोर्ट चले गए थे जिस पर फ़ैसला मंगलवार को आया है और अब माना जा रहा है कि यह अध्याय पूर्ण रूप से बंद हो गया है.
हालांकि अदालत के बाहर राजनीति अपनी रफतार से चलती रही थी और इन नौ लोगों समेत बीजेपी में आने वाले कई ‘पुराने कांग्रेसी’ आज सत्ता में हैं इनमें सदन में बागियों का नेतृत्व करने वाले हरक सिंह रावत भी शामिल हैं.

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